मराठी कविता

——————                 १ शिव-दर्शन.

कवी – मच्छिंद्र माळी                                                                                       पडेगांव औरंगाबाद .

कैलासावरी नांदतो शिवशंकर |

त्याच्या दर्शना जाऊ लवकर |धृ |

आहे भोळा तो महादेव फार |

मना येई तसा तो देई वर |

म्हणुनी देवांना संकटे आली फार |१|

मातले जेव्हां भुवरी राक्षस |

संकट पडले सर्व देवांस |

घेऊ लागले तेव्हां शिव अवतार |२|

जटामध्ये गंगा अर्धांगी गौरी |

पाव रे आम्हां उमा प्रियकरा |

निळकंठाचा आहे अधिकार मोठा |३|

मातले जगी या दुर्जन फार |

धर्माच्या नांवे चाले भ्रष्टाचार |

घ्यावा चंद्रमौळी तु आता अवतार |४|

विनंती करी राधासुत पाया |

यावे देवा संत,धर्म रक्षाया |

करा दासावर ईतका ऊपकार |५|

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